Friday, September 19, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeLatest NewsHimachal में बारिश और भूस्खलन का कहर… किन्नौर में फटा बादल,...

Himachal में बारिश और भूस्खलन का कहर… किन्नौर में फटा बादल, 555 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है।

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। आपको बता दें कि किन्नौर जिले के निगुलसरी के ऊपर थाच गांव में शुक्रवार देर रात 12:10 बजे बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। अचानक आई बाढ़ से ग्रामीणों की उपजाऊ जमीन और बगीचे बह गए। कई लोग जंगलों में शरण लेकर अपनी जान बचाने को मजबूर हुए। वहीं बाढ़ का मलबा निगुलसरी में एनएच-5 पर आ गया, जिससे किन्नौर का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गयी। इसके साथ ही क्षेत्र के तीन नालों में आई बाढ़ से खेतों और बगीचों को व्यापक नुकसान हुआ, जबकि दो गाड़ियां बह गईं। मस्तान की दोगरी गांव में एक मकान बाढ़ की चपेट में आया और आसपास के तीन घर खतरे में हैं।
शिमला में भारी भूस्खलन, स्कूल दो दिन बंद
बता दें कि राजधानी शिमला भी लगातार बारिश से जूझ रहा है। हिमलैंड स्थित सर्कुलर रोड पर शुक्रवार तड़के 2 बजे भारी भूस्खलन हुआ। सेंट एडवर्ड स्कूल के पास हुए इस भूस्खलन से एक भवन को खतरा पैदा हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने भवन खाली करवाया। एहतियातन सेंट एडवर्ड स्कूल को 19 और 20 सितंबर को बंद रखने का आदेश दिया गया है। शिक्षकों और कर्मचारियों को भी स्कूल न आने की छूट दी गई है, जबकि सभी कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। सड़क बंद होने के कारण सुबह लोगों को पैदल अपने कार्यस्थलों तक पहुंचना पड़ा। छोटा शिमला, बीसीएस-खलीनी से आने वाली बसें टॉलैंड तक ही जा सकीं, वहीं पुराना बस स्टैंड से कुछ बसें केवल टिंबर हाउस तक चलीं। मरीजों और कामकाजी लोगों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं।
तीन नेशनल हाईवे और 555 सड़कें बंद
राज्यभर में जगह-जगह भूस्खलन के कारण शुक्रवार सुबह 10 बजे तक तीन नेशनल हाईवे समेत 555 सड़कें बंद हो चुकी थीं। कुल्लू में 202, मंडी में 158, शिमला में 50, कांगड़ा में 40, सिरमौर में 24 और चंबा में 24 सड़कें अवरुद्ध रहीं। 162 बिजली ट्रांसफार्मर और 197 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। सबसे अधिक 126 जल आपूर्ति स्कीमें ठप हैं।
भारी जनहानि और संपत्ति का नुकसान
इस मानसून सीजन में हिमाचल को भारी क्षति झेलनी पड़ी है। 20 जून से 18 सितंबर तक 424 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 481 लोग घायल और 45 अभी भी लापता हैं। बता दें कि अब तक 632 पक्के और 972 कच्चे मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं, जबकि 2,258 पक्के और 4,767 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 585 दुकानें और 6,815 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 2,458 मवेशियों की मौत दर्ज की गई है और कुल संपत्ति का नुकसान लगभग 4,74,993.36 लाख रुपये आंका गया है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments